
लोकसभा में दो अहम बिल पास हुए, जो भारतीय खेल क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। केंद्रीय खेल मंत्री मंसुख मांडविया ने ये दोनों बिल – Anti-Doping Bill 2025 और National Sports Governance Bill 2025 – पेश किए थे, जिन पर चर्चा पूरी होने के बाद आज बहुमत से मंजूरी मिल गई।
क्या है Anti-Doping Bill 2025?
Anti-Doping Bill 2025 को पास करने का मकसद है – भारतीय खेलों को साफ-सुथरा और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के बराबर बनाना।
अहम बातें:
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यह बिल National Anti-Doping Act 2022 में संशोधन करेगा।
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WADA (World Anti-Doping Agency) के कोड के अनुसार देश के डोपिंग नियम बनाए जाएंगे।
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धारा 2 में नए शब्द जोड़े गए: जैसे Marker, Metabolite, Anti-Doping Organization आदि।
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Whereabouts Failure, Tampering, Possession जैसे उल्लंघनों को अब शामिल किया गया है।
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धारा 4 और 6 को अपडेट कर सख्त नियम बनाए गए हैं – खिलाड़ियों, कोच और सपोर्ट स्टाफ के लिए सज़ा का प्रावधान।
नया कानून खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही डोपिंग पर सख्त नियंत्रण लाएगा।
National Sports Governance Bill 2025 से क्या बदलेगा?
यह बिल भारतीय खेल संस्थाओं में सिस्टमेटिक रिफॉर्म लाने के लिए बनाया गया है। खासकर BCCI और अन्य नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन्स (NSFs) की कार्यशैली में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया गया है।

Highlights:
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खेल संगठनों में पारदर्शिता और जवाबदेही को अनिवार्य किया जाएगा।
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खिलाड़ियों के अधिकार, खासकर महिला और नाबालिग खिलाड़ियों की सुरक्षा प्राथमिकता में रहेगी।
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सभी स्पोर्ट्स बॉडीज़ में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की गारंटी।
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खेल विवादों का तेजी से निपटारा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत सिस्टम बनेगा।
ये बिल भारतीय खेलों में Fairness, Accountability और Speedy Justice का नया युग शुरू करेगा।
क्यों हैं ये बिल ऐतिहासिक?
इन बिलों के आने से न केवल खिलाड़ियों के करियर को सेफगार्ड मिलेगा, बल्कि भारत इंटरनेशनल लेवल पर WADA और IOC जैसी संस्थाओं के साथ अपनी छवि को और मजबूत कर सकेगा।
Anti-Doping और National Sports Governance Bill 2025 का पास होना भारत के स्पोर्ट्स सिस्टम के लिए Game Changing Moment है। अब देखना यह होगा कि इन नियमों को जमीनी स्तर पर कैसे लागू किया जाता है।